महाकाल मंदिर में गर्भगृह प्रवेश पर विवाद: बिना अनुमति गर्भगृह में पहुंचे उद्योगपति, सपत्निक 10 मिनट तक किया गर्भगृह में पूजन; 4 जुलाई 2023 से बंद है गर्भगृह

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु शिव के दर्शन के लिए उमड़ते हैं, एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मंदिर प्रशासन की सख्त पाबंदियों के बावजूद सोमवार को नियमों की अनदेखी हुई, जब भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति बाबा साहेब नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी ने बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश कर 10 मिनट तक पूजन-अर्चन किया। इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन में हड़कंप मच गया, क्योंकि पिछले डेढ़ वर्ष से आम श्रद्धालुओं के गर्भगृह में प्रवेश पर पूर्णत: रोक लगी हुई है।

कैसे हुआ नियमों का उल्लंघन?

मामले की पड़ताल करने पर सामने आया कि उत्तम स्वामी महाराज और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए आए थे। उनके साथ बाबा कल्याणी और उनकी पत्नी भी मौजूद थे। जब उत्तम स्वामी महाराज को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया, तो नाम की गफलत में बाबा कल्याणी को भी साधु-संत समझकर गर्भगृह में भेज दिया गया। परिणामस्वरूप, उन्होंने बिना पूर्व अनुमति के गर्भगृह में शिवलिंग के समीप पूजन किया।

यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि महाकाल मंदिर प्रशासन द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि सिर्फ मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पंडे-पुजारियों या विशेष अनुमति प्राप्त अति विशिष्ट व्यक्तियों को ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी। आम श्रद्धालु मंदिर के बाहरी भाग से ही 50 फीट की दूरी से दर्शन कर सकते हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले जब एक आम युवक गलती से गर्भगृह में प्रवेश कर गया था, तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। लेकिन बाबा कल्याणी जैसे प्रभावशाली उद्योगपति द्वारा नियमों के उल्लंघन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके विपरीत, दिनभर इस मामले को दबाने के प्रयास किए गए, जिससे मंदिर प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।

बता दें,  महाकाल मंदिर के गर्भगृह को 4 जुलाई 2023 से बंद कर दिया गया था। मंदिर समिति का कहना था कि सावन महीने की भारी भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया, और 11 सितंबर 2023 तक यह पाबंदी रहेगी। लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह नहीं खोला गया।

महाकाल लोक बनने से पहले मंदिर में प्रतिदिन 20 से 30 हजार श्रद्धालु आते थे, लेकिन अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद भक्तों की संख्या चार गुना बढ़ गई, जो अब 1.5 से 2 लाख तक पहुंच चुकी है। इतनी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में प्रवेश पर स्थायी रोक लगा रखी है।

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